Sanskrit vyakaran ka parichay
संस्कृत व्याकरण का परिचय:—
3.व्याकरण का संधि विच्छेद क्या है :– वि +आकरण
4.व्याकरण का प्रकृति प्रत्यय क्या है:– वि+आ+कृ +ल्युट
5.संस्कृत व्याकरण के प्रणेता कौन हैं:– महर्षि पाणिनि
6.लिपि का दूसरा नाम क्या है:– वर्णाक्षर या वर्ण संकेत
7.व्याकरण की परिभाषा क्या है:– व्याक्रियंते व्युत्पादनते शब्दा: अनेन इति व्याकरणम कथ्यते।
—व्याकरण वह शास्त्र है जिसे हमें शुद्ध–शुद्ध लिखना बोलना, पढ़ना ,समझना आ जाए उसे व्याकरण कहते हैं।
8.संस्कृत व्याकरण के प्रकार कितने हैं और कौन-कौन से हैं:— संस्कृत व्याकरण के तीन प्रकार है जो निम्नलिखित है–
१. वर्ण विचार
२. शब्द विचार
३. वाक्य विचार