कक्षा 9 हिन्‍दी 1.कहानी का प्‍लॉट MCQ TEST बिहार बोर्ड कक्षा 9 गोधूलि भाग 1 हिंदी mcq test FOR CLASS 9th

कक्षा 9  हिन्‍दी 1.कहानी का प्‍लॉट MCQ  TEST                       बिहार बोर्ड कक्षा 9 गोधूलि भाग 1 हिंदी   Class 9th Hindi Chapter 1 Kahani ka Plot Objective Question   के पाठ एक के ऑब्‍जेक्टिव प्रश्‍नों के उत्तर को देंगे । जो ज्ञान की दृष्टि से काफी महत्‍वपूर्ण है।  objective type question का फ्री में टेस्ट दे सकते है  mcq test  FOR CLASS 9th                                            हिन्‍दी कहानी का प्‍लॉट MCQ          इस टेस्ट में कक्षा 9 के हिंदी के हिन्‍दी कहानी का प्‍लॉट MCQ   का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन को देकर आप अपने विषय का RIVISION कर सकते  है सामान्य जानकारी  इसको देने से पहले आपको अपना नाम लिखना होगा तब गाँव का नाम  इसके बाद next button पर क्लिक करे   उसके बाद आपको प्रशन दिखने लगेंगे जिसको आप सही से भर देंगे  जब आप सभी प्रश्न का सही सही उत्तर दे  देंगे तब आपको सबसे निचे submit बटन पर क्लिक करना है फिर आपको view score पर क्लिक करना है   ऐसा करने के बाद आपका उत्तर कितना सही हुआ है और कितना गलत यह आपको दिखने लगेगा साथ ही गलत उतर का सही उत्तर भी दिखाई देगा | Loading… objec

तुलसी

  तुलसी।।tulsi।।

तुलसी पर लेख

हमारे घरके आँगनमें दो ऊँचे-ऊँचे गमले बने हुए हैं। उन दोनोंमें माताजीने तुलसीके पौधे लगा रखे हैं। एक तुलसीके पत्तोंका रंग हरा है और दूसरी के पत्तो काला। हरे पत्तोंवाली तुलसी को माताजी राम-तुलसी कहती हैं और काले पत्तोंवालीको श्यामा-तुलसी। माताजी प्रातः काल स्रान करनेके बाद तुलसीमें जल डालती हैं । जल डालकर वे हाथ जोड़कर उसके चारों ओर फेरी देती हैं। बादमें उसके पत्ते तोड़कर भगवान्को चढ़ाती हैं । सायंकाल माताजी दोनों गमलों पर दीपक जलाती हैं। वे तुलसीके गमलोंको लीप-पोतकर बड़ा साफ-सथरा रखती हैं।

तुलसीका पौधा बहुत बड़ा नहीं होता। यह करीब

दो हाथ ऊँचा होता है। इसमें बहुत-सी टहनियाँ चारों

तरफ फैलती हैं। तुलसीके पत्ते गोलाई लिये हुए और

छोटे होते हैं। इसकी प्रत्येक डालपर फूलोंकी एक

बाल निकलती है. जिसको 'मंजरी' कहते हैं। मंजरीमें

बड़ी मीठी गन्ध होती है। मंजरी में छोटे-छोटे बीज

होते हैं। जब मंजरी पककर सुख जाती है, तब बीज

सूखंनीचे मिट्टीमें गिर जाते हैं। वर्षाके दिनोंमें इन्हीं बीजोंसे

सैकड़ों छोटे-छोटे नये पौधे उग आते हैं।

तुलसीमें बहुत गुण हैं । इसके पत्तों और फूलॉंकी

गन्धसे हवा शुद्ध होती है। जिस घरमें तुलसीका पौधा

होता है, उसमें रोग कम आते हैं ।

तुलसीकी पत्तियोंका स्वाद चरपरा होता है।

तुलसीकी पत्तियाँ बहुत-से रोगोंमें काम आती हैं। जब

हमारे घरमें किसीके मलेरिया बुखार चढ़ता है तब

माताजी काली मिर्चके साथ तुलसीकी चाय बनाकर

पिलाती हैं । इससे बुखार बहुत जल्दी छूट जाता है।

सर्दीके दिनोंमें भी हम तलसीकी चाय पीते हैं । इससे

सर्दी कम लगती है और जुकाम नहीं होता। किसी

दिन मेरे कानमें दर्द हो जाता है तो माताजी 

 पत्तोंका रस गरम करके कानमें टपका देती हैं। इससे

दर्द अच्छा हो जाता है। माताजी कहा करती हैं कि

बिच्छूके डंक और साँप काटनेकी भी तुलसी अच्छी

दवा है।

वे पौधा जब सूख जाता है तब इसकी

लकड़ीकी मालाएँ बनायी जाती हैं । तीर्थोंमें ये मालाएँ

मिलती हैं। भक्त लोग तुलसीकी माला तथा कंठी

गलेमें पहनते हैं।

तुलसी हमारी माँ है। यह माँके समान ही हमारा

भला करती है। यह भगवान्की पूजामें बहुत काम

आती है। हम सबको अपने- अपने घरोंमें तुलसीका

पौधा रखना चाहिये।


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