तुलसी : एक अदृभुत औषधि
फ्रेंच डॉक्टर विक्टर रेसीन ने कहा है : "तुलसी एक अद्भुत औषधि (Wonder drug) है। इस पर किये गये प्रयोगों ने यह सिद्ध कर दिया है कि रक्तचाप और पाचनतंत्र के नियमन में तथा मानसिक रोगों में तुलसी अत्यंत लाभकारी है । इससे रक्तकरणों की वृद्धि होती है। मलेरिया तथा अन्य प्रकार के बुखारों में तुलसी अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई है।
तुलसी रोगों को तो दूर करती ही है, इसके अतिरिक्त ब्रह्मचर्य की रक्षा करने एवं यादशक्ति बढ़ाने में भी अनुपम सहायता करती है । तुलसीदल एक उत्कृष्ट रसायन है । यह त्रिदोषनाशक है । रक्तविकार, वायु, खाँसी, कृमि आदि की निवाक है तथा हृदय के लिए बहुत हितकारी है ।
तुलसी के बीज कूटकर रख लें । एक -आध ग्राम रात को भिगो दें । सुबह खाली पेट पानी के साथ लें। वात, पित्त, कफ - इन तीनों के असंतुलन से ही सारी बीमारियाँ होती हैं और तुलसी के बीज त्रिदोषनाशक हैं । अतः त्रिदोषजनित तथा कैंसर आदि बीमारियाँ आपके पास नहीं फटकेंगी । इस प्रयोग से भूख अच्छी लगेगी और बहुत सारे स्वास्थ्य-लाभ हांगे । इस प्रयोग से वीर्यरक्षा का भी सीधा सम्बन्ध है ।
जितने दिन अनुकूल लगे उतने दिन यह प्रयोग कर सकते हैं।