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Showing posts from October, 2023

कक्षा 9 के PHYSICS के पहले ch 1 मापन का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन || मापन mcq test FOR CLASS 9th

मापन mcq test FOR CLASS 9th                                              ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन  9th science physics MCQ TEST   objective type question का फ्री में टेस्ट दे सकते है  मापन mcq test  FOR CLASS 9th                                                         इस टेस्ट में कक्षा 9 के PHYSICS  के पहले ch 1 मापन का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन को देकर आप अपने विषय का RIVISION कर सकते  है सामान्य जानकारी  इसको देने से पहले आपको अपना नाम लिखना होगा तब गाँव का नाम  इसके बाद next button पर क्लिक करे   उसके बाद आपको प्रशन दिखने लगेंगे जिसको आप सही से भर देंगे  जब आप सभी प्रश्न का सही सही उत्तर दे  देंगे तब आपको सबसे निचे submit बटन पर क्लिक करना है फिर आपको view score पर क्लिक करना है   ऐसा करने के बाद आपका उत्तर कितना सही हुआ है और कितना गलत यह आपको दिखने लगेगा साथ ही गलत उतर का सही उत्तर भी दिखाई देगा | Loading…    इस टेस्ट में कक्षा 9 के विज्ञान के पहले ch 1 मापन का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन को देकर आप अपने विषय का RIVISION कर सकते है

विश्व के आश्चर्य ।। Seven Wonders of the World in Hindi: ये हैं दुनिया के सात अजूबे फोटो सहित (with images)

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Seven Wonders of the World in Hindi: ये हैं दुनिया के सात अजूबे फोटो सहित (with images)  Contents      आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि दुनिया के सात अजूबे कौन-कौन से हैं और उसका फोटो भी दिखाएंगे तो चलिए शुरू करते हैं 1. ताजमहल ताजमहल मुगल बादशाह शाहजहाँ ने 17वीं शताब्दी में अपनी पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था। इसके निर्माण में 20000 श्रमिक, 3 करोड़ बीस लाख रुपये, 1000 हाथी तथा 22 वर्ष का समय लगा। यह आश्चर्य प्रेम का प्रतीक माना जाता है। 2.क्राइस्ट द रीडीमर  क्राइस्ट द रीडीमर  ब्राजील की राजधानी रियो डि जनेरियो में क्राइस्ट द रीडीमर की 130 फुूट ऊँची प्रतिमा लगी हुई है। यह थिजुआ राष्ट्रय उद्यान में कोरकोवेडो पर्वत की चोटी पर स्थित है 3.माचू पिच्चू माचू पिच्चू माचू पिच्चू के खंडहर पेरू में स्थित अत्यंत ख

भारत के महान गणितज्ञ एवम् वैज्ञानिक।

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भारत के महान गणितज्ञ एवम् वैज्ञानिक।  Contents 1. आर्यभट्ट :                   आर्यभट्ट पाँचवीं सदी के गणितज्ञ, खगोलशास्त्री, ज्योतिषी और भौतिक विज्ञानी थे। 23 वर्ष की उम्न में, इन्होंने आर्यभट्टिया (Aryabhatiya) की रचना की, जो उनके समय के गणित का सार है। सबसे पहली बार उन्होंने ही पाई (pie) का मान 3.1416 निकाला था । आर्यभट्ट ने खगोलशास्त्र में बहुत योगदान दिया और इस वजह से खगोलशास्त्र के पिता के तौर पर जाने जाते हैं।  भारत द्वारा कक्षा में भेजे गए पहले उपग्रह का नाम आर्यभट्ट रखां गया था। महाविराचार्य 2. महावीराचार्य :                              महावीराचार्य 8वीं सदी के भारतीय गणितज्ञ (जैन) थे। ये गुलबर्गा के रहने वाले थे जिन्होंने बताया था कि नकारात्मक अंक का वर्गमूल नहीं होता।৪50 ई०वी० में, जैन गुरु महावीराचार्य ने गणित सार संग्रह की रचना की थी।वर्तमान समय में अंकगणित पर लिखी गई यह पहली पाठ्य-पुस्तक है। इन्होंने दी गई संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त (ए

तुलसी

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  तुलसी।।tulsi।। हमारे घरके आँगनमें दो ऊँचे-ऊँचे गमले बने हुए हैं। उन दोनोंमें माताजीने तुलसीके पौधे लगा रखे हैं। एक तुलसीके पत्तोंका रंग हरा है और दूसरी के पत्तो काला। हरे पत्तोंवाली तुलसी को माताजी राम-तुलसी कहती हैं और काले पत्तोंवालीको श्यामा-तुलसी। माताजी प्रातः काल स्रान करनेके बाद तुलसीमें जल डालती हैं । जल डालकर वे हाथ जोड़कर उसके चारों ओर फेरी देती हैं। बादमें उसके पत्ते तोड़कर भगवान्को चढ़ाती हैं । सायंकाल माताजी दोनों गमलों पर दीपक जलाती हैं। वे तुलसीके गमलोंको लीप-पोतकर बड़ा साफ-सथरा रखती हैं। तुलसीका पौधा बहुत बड़ा नहीं होता। यह करीब दो हाथ ऊँचा होता है। इसमें बहुत-सी टहनियाँ चारों तरफ फैलती हैं। तुलसीके पत्ते गोलाई लिये हुए और छोटे होते हैं। इसकी प्रत्येक डालपर फूलोंकी एक बाल निकलती है. जिसको 'मंजरी' कहते हैं। मंजरीमें बड़ी मीठी गन्ध होती है। मंजरी में छोटे-छोटे बीज होते हैं। जब मंजरी पककर सुख जाती है, तब बीज सूखंनीचे मिट्टीमें गिर जाते हैं। वर्षाके दिनोंमें इन्हीं बीजोंसे सैकड़ों छोटे-छोटे नये पौधे उग आते हैं। तुलसीमें बहुत गुण हैं । इसके पत्तों और फूलॉंकी गन्धसे

तुलसी : एक अदृभुत औषधि

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 तुलसी : एक अदृभुत औषधि फ्रेंच डॉक्टर विक्टर रेसीन ने कहा है : " तुलसी एक अद्भुत औषधि (Wonder drug) है। इस पर किये गये प्रयोगों ने यह सिद्ध कर दिया है कि रक्तचाप और पाचनतंत्र के नियमन में तथा मानसिक रोगों में तुलसी अत्यंत लाभकारी है । इससे रक्तकरणों की वृद्धि होती है। मलेरिया तथा अन्य प्रकार के बुखारों में तुलसी अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई है। तुलसी रोगों को तो दूर करती ही है, इसके अतिरिक्त ब्रह्मचर्य की रक्षा करने एवं यादशक्ति बढ़ाने में भी अनुपम सहायता करती है । तुलसीदल एक उत्कृष्ट रसायन है । यह त्रिदोषनाशक है । रक्तविकार, वायु, खाँसी, कृमि आदि की निवाक है तथा हृदय के लिए बहुत हितकारी है ।                         तुलसी के बीज कूटकर रख लें । एक -आध ग्राम रात को भिगो दें । सुबह खाली पेट पानी के साथ लें। वात, पित्त, कफ - इन तीनों के असंतुलन से ही सारी बीमारियाँ होती हैं और तुलसी के बीज त्रिदोषनाशक हैं । अतः त्रिदोषजनित तथा कैंसर आदि बीमारियाँ आपके पास नहीं फटकेंगी । इस प्रयोग से भूख अच्छी लगेगी और बहुत सारे स्वास्थ्य-लाभ हांगे । इस प्रयोग से वीर्यरक्षा का भी सीधा सम्बन्ध है । जितने

भारतीय संविधान के विकास का संक्षिप्त इतिहास

  1. भारतीय संविधान के विकास का संक्षिप्त इतिहास           1757 ई० की प्लासी की लड़ाई और 1764 ई० के बक्सर के युद्ध को अंग्रेजों द्वारा जीत लिए जाने के बाद बंगाल पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी ने शासन का शिकंजा कसा। इसी शासन को अपने अनुकृल बनाए रखने के लिए अंग्रेजों ने समय समय पर कई ऐक्ट पारित किए, जो भारतीय संविधान के विकास की सीढ़ियाँ बनीं। वे निम्न हैं 1773 ई० का रे्यूलेटिग एक्ट : इस एक्ट के अन्तर्गत कलकत्ता प्रेसीडेंसी में एक ऐसी सरकार स्थापित की गई, जिसमें गवर्नर जनरल और उसकी परिषद के चार सदस्य थे, जो अपनी सत्ता के उपयोग संयुक्त रूप से करते थे। इसकी मुख्य बातें इस प्रकार हैं- (i) कम्पनी के शासन पर संसदीय नियंत्रण स्थापित किया गया। (1i) बंगाल के गवर्नर को तीनों प्रेसिडेन्सियो का गवर्नर जनरल नियूक्त किया गया। (ii) कलकत्ता में एक सुप्रीम कोर्ट की स्थापना की गयी। 1784 ई० का पिट्स इंडिया एक्ट : इस एक्ट के द्वारा दोहरे प्रशासन का प्रारंभ हुआ-i) कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स- व्यापारिक मामलों के लिए, (ii) बोर्ड ऑफ कंट्रोलरराजनीतिक मामलों के लिए। 793 ई० का चार्टर अधिनियम : इसके द्वारा नियंत्रण बोर्

भारत में सिंचाई

          भारत में सिंचाई भारत में सिंचाई परियोजनाओं को तीन भागों में विभाजित किया गया है। ये हैं—  1. वृहत् सिंचाई परियोजना 2. मध्यम सिंचाई परियोजनाएँ एवं 3. लघु सिंचाई परियोजना  वृहत् सिंचाई परियोजना के अन्तर्गत वे परियोजानाएँ सम्मिलित की जाती है, जिसके अन्तर्गत 10,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि योग्य भूमि हो । मध्यम सिंचाई परियोजना के अन्तर्गत वे परियोजनाएँ सम्मिलित की जाती है, जिसके अन्तर्गत 2,000 से 10,000 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि हो । लघु सिंचाई परियोजना के अन्तर्गत वे परियोजना सम्मिलित की जाती है, जिसके अन्तर्गत 2,000 हेक्टेयर से कम कृषि योग्य भमि हो ।  वर्तमान समय में भारत की कुल सिंचित क्षेत्र का 37% बड़ी एवं मध्यम सिंचाई परियोजना के अधीन तथा 63 %छोटी सिंचाई योजनाओं के अधीन है। विश्व का सर्वाधिक सिंचित क्षेत्र चीन ( 21%) में है। विश्व का दूसरा सर्वाधिक सिंचित क्षेत्र भारत 20.2% में है। भारत में शुद्ध बोय गए क्षेत्र 1360 लाख हेक्टेयर के लगभग 33% भाग पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है। वर्तमान समय कुआं और नलकूप भारत में सिंचाई का प्रमुख साधन है। देश में सर्वाधिक नलकूप हुआ पंप सेट तमिलनाडु

भारत की कृषि

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           . भारत की कृषि...  भारत के कुल क्षेत्रफल का लव्भग 51% भाग पर कृषि, 4% भू-भाग पर चरागाह, लगभग 21% भूमि पर वन् एवं 24% भूमि बंजर तथा बिना उपयोग की है।  देश की कुल श्रम शक्ति का लगभग 52% भाग कृषि एवं इससे संबंधित उद्योग-धन्धों से अपनी आजीविका चलाता है। 2009-10 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान14.6% है। > 2008-09 में भारत के निर्यात में कृषि और उससे संबंधित वस्तुओं का अनुपात लगभग 9.1% था।  विश्व में चावल उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। भारत में खद्यान्नो के अन्तर्गत आने वाले कुल क्षेत्र के 47% भाग पर चावल की खेती की जाती है।  विश्व में गेहूँ उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है । देश की कुछ कृषि योग्यभूमि के लगभग 15% भाग पर गेहूँ की खेती की जाती है।  देश में गेहूँ के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है, जबकि प्रति हेक्टेयर उत्पादन में पजाब का स्थान प्रथम है। > हरित क्रांति का सबसे अधिक प्रभाव गेहूँ और चावल की कृषि पर पड़ा है, परन्तु चावलकी तुलना में गेहूँ के उत्पादन में अधिक वृत्धि हई। > भारत में हरित क्रांति (Gree revolution

climate of india .geography and climate of india

  climate of india Contents  Climate: The weather conditions prevailing in an area for a long period of time is called the climate of that place. The climate of India is tropical monsoon climate.  Weather: The atmospheric conditions at a place for a short period of time, such as a day or a week, are called weather there.  Meteorological service in India was started in 1875 AD; Then its headquarters was in Shimla. After the First World War, its headquarters was brought to Pune. Now meteorological maps of India are published from there.  Apart from the monsoon, there are two main factors affecting the Indian climate - (i) Himalayan Mountains in the North: Due to its presence, cold winds coming from Central Asia are not able to reach India.  (ii) Due to the presence of the Indian Ocean in the south and its proximity to the equator, tropical climate is found in its ideal form. Is  Due to the monsoon winds completely changing their direction from time to time, the following four sea

भारत की मिट्टी ।।

भारत की मिट्टी मिट्टी के अध्ययन के विज्ञान को मृदा कहा जाता है भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने भारत के मिट्टी को आठ वर्गों में विभाजित किया है जो निम्न है — जलोढ़ मिट्टी काली मिट्टी लाल मिट्टी लेटराइट मिट्टी मरुस्थलीय मिट्टी क्षारीय मिट्टी पिटमय और जैव मिट्टी वनीय मिट्टी  1.जलोढ़ मिट्टी यह मिट्टी भारत के लगभग 22 % प्रतिशत क्षेत्रफल पर पाई जाती है। यह नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी है। इस मिट्टी में पोटाश की बहूलता होती है लेकिन नाइट्रोजन ,फास्फोरस एवं ह्यूमस की कमी होती है। यह दो प्रकार की होती है—1.खादर 2.बांगर पुराने जलोढ़ मिट्टी को बांगर तथा नई जलोढ़ मिट्टी को खादर कहा जाता है। जलोढ़ मिट्टी में उर्वरता के दृष्टिकोण से काफी अच्छी मानी जाती है इसमें धान ,गेहूं ,मक्का ,तिलहन ,दलहन, आलू आदि फसलें उगाई जाती है। 2.काली मिट्टी इसका निर्माण बेसाल्ट चट्टानों को टूटने फूटने से होता है। इसमें आयरन, चुना ,एल्युमिनियम एवं मैग्नीशियम की बहुलता होती है। इस मिट्टी का काला रंग टिटेनी फेरस, मैग्नेटाइट एवं जीवांश की उपस्थिति के कारण होता है। इस मिट्टी को रेंगुर मिट्टी के नाम से भी जाना जाता है। कपास की खेत

हमारे भारत का भूगोल क्या है?

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  भारत का भूगोल      1. सामान्य जानकारी भारत उत्तरी गोलार्द्ध में 8°4' - 37°6' उत्तरी अक्षांश और 68°7' – 97°25′ पूर्वी देशान्तर के बीच स्थित है। • सम्पूर्ण भारत का अक्षांशीय विस्तार 6° 4' – 37°6' उत्तरी अक्षांश के मध्य है । भारत का क्षेत्रफल 32 लाख 87 हजार 263 वर्ग किमी है । क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से भारत विश्व का 7 सबसे बड़ा देश है, जबकि जनसंख्या के दृष्टिकोण से यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है । क्षेत्रफल के दृष्टि से भारत से बड़े छः देश है—रूस, कनाडा, चीन, सं. रा. अमेरिका, ब्राजील एवं आस्ट्रेलिया । (8वाँ बड़ा देश अर्जेण्टीना) भारत का क्षेत्रफल सम्पूर्ण विश्व के क्षेत्रफल का 2-42% है, जबकि इसकी जनसंख्या सम्पूर्ण विश्व की जनसंख्या का 16.7% है । ( 2001 ई० की जनगणना के अनुसार) जनसंख्या की दृष्टि से विश्व के 8 बड़े देश हैं— चीन, भारत, सं० रा० अमेरिका, इण्डोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं रूस । भारत का उत्तर से दक्षिण में विस्तार 3,214 किमी है व पूरब से पश्चिम में विस्तार 2,933 किमी है। भारत की स्थल-सीमा की लम्बाई 15, 200 किमी है। इसके तटीय भाग की लम्बाई 75

भारत की जलवायु । geography and climate of india

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 भारत की जलवायु climate of india Contents जलवायु :          – किसी क्षेत्र में लंम्बे समय तक जो मौसम की स्थिति होती है, उसे उस स्थान की जलवायु कहते हैं। भारत की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु है।  मौसम मौसम किसी स्थान पर थोड़े समय की, जैसे एक दिन या एक सप्ताह की वायुमंडलीय अवस्थाओं को वहाँ का मौसम कहते है । भारत में मौसम संबंधी सेवा सन् 1875 ई० में आरंभ की गई थी; तब इसका मुख्यालय शिमला में था । प्रथम विश्व युद्ध के बाद इसका मुख्यालय पुणे लाया गया। अब भारत के मौसम संबंधी मानचित्र वहीं से प्रकाशित होते हैं । > भारतीय जलवायु को मानसून के अलावे प्रभावित करने वाले दो प्रमुख कारक हैंहैं— (i) उत्तर में हिमालय पर्वत : इस की उपस्थिति के कारण मध्य एशिया से आने वाली शीतल हवाएँ भारत में नहीं आ पाती हैं । (ii) दक्षिण में हिन्द महासागर इसकी उपस्थिति एवं भूमध्य रेखा की समीपता के कारण उष्णकटिबंधीय जलवायु अपने आदर्श स्वरूप में पायी जाती है । है ऋतु मानसूनी पवनों द्वारा समय-समय पर अपनी दिशा पूर्णतया बदल लेने के कारण भा

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